कवि- जीतू जान

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White मेरा परिचय :— मैं सूरज से उगती किरण हूं मैं दिवाकर कुल का चिराग हूं मैं कवि कल्पना एहसासों और अंतर्मन को पढ़ता हूं मैं सारे दिन की आंखों की नमी को हर शाम लिखता हूं मैं भारत माता के रोते दिल की धड़कन की अभिलाषा हूं जहां हर घर में सियासत जन्मती है मैं इटावा की धरती में जन्मा हूं मैं अध्यापक पुत्र हूं मैं मां के आंचल की मर्यादा हूं मैं 9 नदियों का पानी पिया हूं मैं भ्रमण कर-कर के जल बचाओ की बात बतलाता हूं मैं गुलाब राय को पढ़ता हूं मैं नीरज के गीतों को गाता हूं मैं अपनों के दिल में रहता हूं मैं गैरों के दिल में आशियाना बना लेता हूं मैं दयालु हृदय का हूं मैं दुख- सुख को भावुक होकर लिखता हूं मैं दबती आवाजों को समाज तक ले जाने की छोटी डगर हूं ©कवि- जीतू जान

#short_shyari  White मेरा परिचय :—
मैं  सूरज से उगती किरण हूं 
मैं दिवाकर कुल का चिराग हूं
मैं कवि कल्पना एहसासों और अंतर्मन को पढ़ता हूं
मैं सारे दिन की आंखों की नमी को हर शाम लिखता हूं
मैं भारत माता के रोते दिल की धड़कन की अभिलाषा हूं
जहां हर घर में सियासत जन्मती है
मैं इटावा की धरती में जन्मा हूं 
मैं अध्यापक पुत्र हूं
मैं मां के आंचल की मर्यादा हूं
मैं 9 नदियों का पानी पिया हूं
मैं भ्रमण कर-कर के जल बचाओ की बात बतलाता हूं
मैं गुलाब राय को पढ़ता हूं 
मैं नीरज के गीतों को गाता हूं
मैं अपनों के दिल में रहता हूं 
मैं गैरों के दिल में आशियाना बना लेता हूं
मैं दयालु हृदय का हूं 
मैं  दुख- सुख को भावुक होकर लिखता हूं
मैं दबती आवाजों को समाज तक ले जाने की छोटी डगर हूं

©कवि- जीतू जान

#short_shyari

12 Love

White मैं जौहरी हूं पत्थर को परख कर हीरा बना देता हूं तुझे तो सितारों में खोज कर अपनी धड़कनों में बसाया है तुझसे दूर होकर भी तेरी बेताब्यों की आहट पहचान लेता हूं ©कवि- जीतू जान

#milan_night  White मैं जौहरी हूं 
पत्थर को परख कर हीरा बना देता हूं 
तुझे तो सितारों में खोज कर अपनी धड़कनों  में बसाया है
तुझसे दूर होकर भी तेरी बेताब्यों की आहट पहचान लेता हूं

©कवि- जीतू जान

#milan_night

10 Love

हर कोई रूह के करीब नहीं हो जाता है तेरा नाम सुनते ही यूहीं दिल जज्बाती नही हो जाता है कुछ तो वक्त गुजारा होगा तेरे दिल की गलियों में वरना यूहीं किसी की तस्वीरें देखने से दिल खुश नही हो जाता है ©कवि- जीतू जान

#intezar  हर कोई रूह के करीब नहीं हो जाता है
तेरा नाम सुनते ही यूहीं दिल जज्बाती नही हो जाता है 
कुछ तो वक्त गुजारा होगा तेरे दिल की गलियों में
वरना यूहीं किसी की तस्वीरें देखने से दिल खुश नही हो जाता है

©कवि- जीतू जान

#intezar poetry

9 Love

White मैं भी वो चांद हूं जिसे देख मेरी मां हर सुबह– शाम मुस्कुराती है मैंने देखा है वो खुदा से मेरी सलामती की मन्नतें करती रहती है मैं अक्सर नादानियों में रूठ जाता हूं मेरी मां देर रात में निवाला खिलाकर चादर ओढ़ाकर जाती है ©कवि- जीतू जान

#mothers_day  White मैं भी वो चांद हूं जिसे देख मेरी मां हर सुबह– शाम मुस्कुराती है
मैंने देखा है वो खुदा से मेरी सलामती की मन्नतें  करती रहती है
मैं अक्सर नादानियों में रूठ जाता हूं
मेरी मां देर रात में निवाला खिलाकर चादर ओढ़ाकर जाती है

©कवि- जीतू जान

#mothers_day

15 Love

पतझड़ से बसंत में भी अब बागों में नूर उतर आया है खिलती कलियों को देख अब भंवरा भी इतराया है अब खुशबू भरी चांदनी रातें गहरी होती जा रही है और तुम्हारी लहराती जुल्फें देख तस्वीरों में अब चांद उतर आया है ©कवि- जीतू जान

#ballet  पतझड़ से बसंत में भी अब बागों में नूर उतर आया है
खिलती  कलियों  को  देख अब  भंवरा भी इतराया है
अब  खुशबू  भरी  चांदनी  रातें  गहरी  होती  जा रही  है और
तुम्हारी लहराती जुल्फें देख तस्वीरों में अब चांद उतर आया है

©कवि- जीतू जान

#ballet

18 Love

White अपनो और परायों से हार कर इतना दर्द नही होता जो दर्द खुली आंखों से देखे सपनो से हार कर होता ©कवि- जीतू जान

#Motivational #Free  White अपनो और परायों से हार कर इतना दर्द नही होता
जो दर्द खुली आंखों से देखे सपनो से हार कर होता

©कवि- जीतू जान

#Free

13 Love

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