नया लिखकर पुराना हमेशा फाड़ देता हूं
बस कुछ इस तरह जीवन को हमेशा नया उपहार देता हूं
मै उलझ ना जाऊं कही रिश्तों के गहरे भंवर में
बस घर से निकलने से पहले हमेशा नजर अपनी उतार देता हूं..
©Ashutosh Mishra(निर्वाण)
नया लिखकर पुराना हमेशा फाड़ देता हूं
बस कुछ इस तरह जीवन को हमेशा नया उपहार देता है
मै उलझ ना जाऊं कही रिश्तों के गहरे भंवर में
बस घर से निकलने से पहले हमेशा नजर अपनी उतार देता हूं..
#Thoughts