याद करने का तो, बस यही है साहब, ज्यादा वक़्त के लिए | हिंदी शायरी

"याद करने का तो, बस यही है साहब, ज्यादा वक़्त के लिए, भूल जाओ तो साँसें भी बुरा, मान जाती है, हम तो फिर इंसान हैं। 🌹VरेN🌹"

 याद करने का तो,
बस यही है साहब,
ज्यादा वक़्त के लिए,
भूल जाओ 
तो साँसें भी बुरा,
 मान जाती है, 
हम तो फिर इंसान हैं।
🌹VरेN🌹

याद करने का तो, बस यही है साहब, ज्यादा वक़्त के लिए, भूल जाओ तो साँसें भी बुरा, मान जाती है, हम तो फिर इंसान हैं। 🌹VरेN🌹

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