(VरेN) Viren

(VरेN) Viren Lives in Delhi, Delhi, India

रिश्ता यूँ निभाया ज़ख़्मों ने हो गई आदत ग़म सहने की। रहता तो हूँ मैं दिल्ली में मगर ख़्वाहिश है दिलों में रहने की। 🌹VरेN🌹

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#शायरी

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याद करने का तो, बस यही है साहब, ज्यादा वक़्त के लिए, भूल जाओ तो साँसें भी बुरा, मान जाती है, हम तो फिर इंसान हैं। 🌹VरेN🌹

#शायरी #Morning  याद करने का तो,
बस यही है साहब,
ज्यादा वक़्त के लिए,
भूल जाओ 
तो साँसें भी बुरा,
 मान जाती है, 
हम तो फिर इंसान हैं।
🌹VरेN🌹

#Morning

7 Love

#Labour_Day मुश्किल तमाम ज़िन्दगी में बादस्तूर है। मजदूर, मजदूर दिवस पे भी मजबूर है। ख़्वाहिश तमाम देखो हैं काँच की बनी। हर ख़्वाब हो चुका अब तो चकनाचूर है। ज़िन्दगी है ख़ास बस रोटी की तलाश। पापी पेट का होना भी साहब कुसूर है। सफ़र बहुत है लम्बा मुश्किल से भरा। हैं रास्ते पथरीले और मंज़िल भी दूर है। क़िस्मत बड़ी काली, खाली रही थाली। खाना भी कहाँ 'वीरेन' मिला भरपूर हैं। 🌹VरेN🌹 @alfaz_e_viren

#शायरी #Labour_Day  #Labour_Day मुश्किल तमाम ज़िन्दगी में बादस्तूर है।
मजदूर, मजदूर दिवस पे भी मजबूर है।

ख़्वाहिश तमाम देखो हैं काँच की बनी।
हर ख़्वाब हो चुका अब तो चकनाचूर है।

ज़िन्दगी है ख़ास बस रोटी की तलाश।
पापी पेट का होना भी साहब कुसूर है।

सफ़र बहुत है लम्बा मुश्किल से भरा।
हैं रास्ते पथरीले और मंज़िल भी दूर है।

क़िस्मत बड़ी काली, खाली रही थाली।
खाना भी कहाँ 'वीरेन' मिला भरपूर हैं।
🌹VरेN🌹
@alfaz_e_viren

#Labour_Day

10 Love

ये हैं नन्हे-नन्हे प्यारे बच्चे। कहना मानते हैं सारे बच्चे। कोरोना से ख़ुदको बचाते। गलती से ना बाहर जाते। घर में रहते ना शोर मचाते। हाथ धोते, मुँह को ढकते। घर में खेल, मन को भरते। दूर से ही सब बातें करते। भला-बुरा बच्चे जानते हैं। बड़ों का कहना मानते हैं। 🌹VरेN🌹

 ये हैं नन्हे-नन्हे प्यारे बच्चे।
कहना मानते हैं सारे बच्चे।

कोरोना से ख़ुदको बचाते।
गलती से ना बाहर जाते।
घर में रहते ना शोर मचाते।

हाथ धोते, मुँह को ढकते।
घर में खेल, मन को भरते।
दूर से ही सब बातें करते।

भला-बुरा बच्चे जानते हैं।
बड़ों का कहना मानते हैं।
🌹VरेN🌹

ये हैं नन्हे-नन्हे प्यारे बच्चे। कहना मानते हैं सारे बच्चे। कोरोना से ख़ुदको बचाते। गलती से ना बाहर जाते। घर में रहते ना शोर मचाते। हाथ धोते, मुँह को ढकते। घर में खेल, मन को भरते। दूर से ही सब बातें करते। भला-बुरा बच्चे जानते हैं। बड़ों का कहना मानते हैं। 🌹VरेN🌹

10 Love

करनी है अगर 'वीरेन' मेरे ग़मों से मुलाक़ात करो तुम। मगर कतरों की नहीं मुझसे समन्दर की बात करो तुम। 🌹VरेN🌹 @alfaz_e_viren

#thought  करनी है अगर 'वीरेन' मेरे ग़मों से मुलाक़ात करो तुम।

मगर कतरों की नहीं मुझसे समन्दर की बात करो तुम।
🌹VरेN🌹
@alfaz_e_viren

करनी है अगर 'वीरेन' मेरे ग़मों से मुलाक़ात करो तुम। मगर कतरों की नहीं मुझसे समन्दर की बात करो तुम। 🌹VरेN🌹 @alfaz_e_viren

11 Love

🌹Part-5 Final *वक़्त*🌹 ये ज़र्रे को आफ़ताब बना देता है, पहाड़ को धूल में मिला देता है, ये समन्दर को भी सुखा देता है, मुरझाए फूल भी खिला देता है अब तू बता इसने तोड़ा आख़िर, जहां में किसका अभिमान नहीं। इस समय से बढ़कर तो 'वीरेन', दुनिया में कोई भी बलवान नहीं। इसके इशारे पे निकलता है चाँद, और सूरज भी तो ढलता जाता हैं। *वक़्त* हाथ से निकलता जाता है। कहाँ क़ाबू में किसी के आता है। *वक़्त* हाथ से निकलता जाता है। 🌹VरेN🌹 @alfaz_e_viren

 🌹Part-5 Final *वक़्त*🌹
ये ज़र्रे को आफ़ताब बना देता है,
पहाड़ को धूल में मिला देता है,
ये समन्दर को भी सुखा देता है,
मुरझाए फूल भी खिला देता है

अब तू बता इसने तोड़ा आख़िर,
जहां में किसका अभिमान नहीं।
इस समय से बढ़कर तो 'वीरेन',
दुनिया में कोई भी बलवान नहीं।
इसके इशारे पे निकलता है चाँद,
और सूरज भी तो ढलता जाता हैं।
*वक़्त* हाथ से निकलता जाता है।
कहाँ क़ाबू में किसी के आता है।
*वक़्त* हाथ से निकलता जाता है।
🌹VरेN🌹
@alfaz_e_viren

🌹Part-5 Final *वक़्त*🌹 ये ज़र्रे को आफ़ताब बना देता है, पहाड़ को धूल में मिला देता है, ये समन्दर को भी सुखा देता है, मुरझाए फूल भी खिला देता है अब तू बता इसने तोड़ा आख़िर, जहां में किसका अभिमान नहीं। इस समय से बढ़कर तो 'वीरेन', दुनिया में कोई भी बलवान नहीं। इसके इशारे पे निकलता है चाँद, और सूरज भी तो ढलता जाता हैं। *वक़्त* हाथ से निकलता जाता है। कहाँ क़ाबू में किसी के आता है। *वक़्त* हाथ से निकलता जाता है। 🌹VरेN🌹 @alfaz_e_viren

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