White मैं मेरी ही उम्र से थोड़ी बड़ी हो रही हूं,
लगता है मैं भी अनुभाभी हो रही हूं
परिवार की उलझी हुई कड़ियों को
अब मैं भी सुलझने सी लगी हूं
लगता है मैं भी अनुभवी हो रही हूं।
बिन बात के रूठ जाना, दिन भर हंसना मुस्कुराना
अब इन सब में सुकून नहीं मिलता,
लगता है बचपना मेरा मुझसे दूर जाने लगा है,
किसी की मीठी बातों में अब प्यार नहीं आता
किसी के गुस्से में अब गुस्सा नहीं आता,
अब लगता है जैसे
मैं मेरी ही उम्र से थोड़ी बड़ी हो रही हूं
हां मैं भी अनुभवी हो रही।
🙏🙏🙏
©Sushmita pathak
दिल की आवाज दिल तक