*मातृ दिवस पर मां के लिए मेरे कुछ शब्द* तू मां है | हिंदी कविता

"*मातृ दिवस पर मां के लिए मेरे कुछ शब्द* तू मां है तू जीवन है तू मेरा पूरा मन है तू फूल है तू जड़ है तू मेरा पूरा उपवन है तू त्याग है तू तप है तू पूरा तपवन है तू ख्याल है तू सोच है तू मेरे मन की बात है तू राज है तू साज है तू मेरे हृदय का राग है तू है तो संभला हूं तू है तो आधार है तू है तो चलता हूं तू है तो सुधार है तू है तो सब अपना है तू है तो सपना भी सच है तू है तो हर चीज सस्ती है तू है तो मेरा कवच है तू है खुशियां हजार है तू है तो अपना सारा बाजार है तू है तो जिद है तू है तो हर सपना साकार है तू है तो रिश्ते हैं तू है तो अपनापन है तू है तो संभाल है तू नहीं तो पराया पन है तू मां है तू बहन है तू बेटी है तू यथार्थ है तू पिता है तू भाई है तू बेटा है तू निस्वार्थ है *(स्वरचित)* *रचनाकार *विजय मिलिंद* ©Vijay Milind"

 *मातृ दिवस पर मां के लिए मेरे कुछ शब्द*
तू मां है तू जीवन है तू मेरा पूरा मन है
 तू फूल है तू जड़ है तू मेरा पूरा उपवन है 
तू त्याग है तू  तप है तू पूरा तपवन है 
तू ख्याल है तू सोच है तू मेरे मन की बात है 
तू राज है तू साज है तू मेरे हृदय का राग है
 तू है तो संभला हूं तू है तो आधार है 
 तू है तो चलता हूं तू है तो सुधार है 
तू है तो सब अपना है तू है तो सपना भी सच है
 तू है तो हर चीज सस्ती है तू है तो मेरा  कवच है 
तू है खुशियां हजार है तू है तो अपना सारा बाजार है
 तू है तो जिद है तू है तो हर सपना साकार है
 तू है तो रिश्ते हैं तू है तो अपनापन है
 तू है तो संभाल है तू नहीं तो पराया पन है
 तू मां है तू बहन है तू बेटी है तू यथार्थ है
 तू पिता है तू भाई है तू बेटा है तू निस्वार्थ है
*(स्वरचित)*
 *रचनाकार *विजय मिलिंद*

©Vijay Milind

*मातृ दिवस पर मां के लिए मेरे कुछ शब्द* तू मां है तू जीवन है तू मेरा पूरा मन है तू फूल है तू जड़ है तू मेरा पूरा उपवन है तू त्याग है तू तप है तू पूरा तपवन है तू ख्याल है तू सोच है तू मेरे मन की बात है तू राज है तू साज है तू मेरे हृदय का राग है तू है तो संभला हूं तू है तो आधार है तू है तो चलता हूं तू है तो सुधार है तू है तो सब अपना है तू है तो सपना भी सच है तू है तो हर चीज सस्ती है तू है तो मेरा कवच है तू है खुशियां हजार है तू है तो अपना सारा बाजार है तू है तो जिद है तू है तो हर सपना साकार है तू है तो रिश्ते हैं तू है तो अपनापन है तू है तो संभाल है तू नहीं तो पराया पन है तू मां है तू बहन है तू बेटी है तू यथार्थ है तू पिता है तू भाई है तू बेटा है तू निस्वार्थ है *(स्वरचित)* *रचनाकार *विजय मिलिंद* ©Vijay Milind

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