मेरी अंखियां प्यासी है तुम्हारे दर्शन को अब नीर भ | हिंदी विचार Video

"मेरी अंखियां प्यासी है तुम्हारे दर्शन को अब नीर भी इनका सूख चुका ये लता वृक्ष ये पुष्प ब्रज के हर कोई बाट तुम्हारी देख चुका बीत गया है बसंत मगर तुम बिन ब्रज में रंग नहीं कोई उत्सव हर्ष उल्लास नही जीवन में कोई उमंग नही बेरंग रहेगी हर होली जब तक तुम ना रंग लगाओगे फागुन आया है कान्हा कहो इस बार तुम आओगे या फिर हर बारी के जैसे संदेशा मात्र भिजवाओगे।। ©कपिल "

मेरी अंखियां प्यासी है तुम्हारे दर्शन को अब नीर भी इनका सूख चुका ये लता वृक्ष ये पुष्प ब्रज के हर कोई बाट तुम्हारी देख चुका बीत गया है बसंत मगर तुम बिन ब्रज में रंग नहीं कोई उत्सव हर्ष उल्लास नही जीवन में कोई उमंग नही बेरंग रहेगी हर होली जब तक तुम ना रंग लगाओगे फागुन आया है कान्हा कहो इस बार तुम आओगे या फिर हर बारी के जैसे संदेशा मात्र भिजवाओगे।। ©कपिल

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