ए अम्मा! साँझ को टिरेन पकड़नी है! इस्टेसन दूर है, त | हिंदी Video

"ए अम्मा! साँझ को टिरेन पकड़नी है! इस्टेसन दूर है, तो अभई निकल रहे हैं! बलउ के टेक्टर से चले जाएंगे! थोड़ी पहले निकल रहे हैं, जानते हैं न, की जब हम झोला टांगते है तुम्हरे सामने तो लगती हो रोने, फिर टिरेन में यात्रा और मुश्किल लगने लगती है! आलू के सब्ज़ी और 7 रोटी बना के बाँध लिए हैं, थोड़ा चना और गुड भी रखे हैं! बाहर नलके से पानी भर लेंगे! डाक्टर से दवाई ला दिए हैं, रसोई वाले ताखा पर है, उठा लेना नहीं तो सिता जायेगी! और समय समय से खाना भी है! गोली सफ़ेद वाली, खाली पेट सुबह! बाकी की संतरी रंग और चौकोर वाली सुभे साम! तुम्हारा कपड़ा धो के पसार दिए हैं! शाम को जागना तो उठा लेना! बाबूजी सुबह किराया भाड़ा दे दिए थे, तो उसका टेंसन न लेना! उनको कह दिए थे की निकल जाएंगे दुपहर में! बाकी खाता में पइसा पड़ा है, काम चल जाएगा इस महीने! मोटकी रजाई घाम दिखा के बड़के बक्सा में, और तुम्हारे सारे सुइटर बाबूजी के सुइटर भी उसमें ही रखे हैं! शाल दुशाला सब साफ़ है! निकाल के ओढ़ पहिन लेना! तुम्हारी जूती मोची से सिलवाय लाये थे! वहीँ आँगन में पन्नी में लपेट के रखे हैं! खाना बनाना हो तभी उतारना! नहीं तो पहनी रखना! गैस भरा दिये 3 महिना तक चली, 10 किलो शीशम की लकड़ी चीर ऊपर कमरे में रख दिए हैं! भगेलू को 5 10 रूपया दे के उतरवा लेना! तुम्हारे फोन में 239 रुपया का रिचार्ज करवा दिए हैं, जब मन करे फोन घुमा लेना! और रोना मत, खाना पीना समय से खाना! जल्दी नौकरी से लौटेंगे! तुम्हारे जागने तक हम टिरेन में बइठ गए रहेंगे! तो ख़त पढ़ के एक आँसू मत रोना! पैर छुए हैं, आसिरबाद भेज देना! ~ तुम्हारे बेटे//लल्ला/करेजा का टुकड़ा! ©Prakash writer05 "

ए अम्मा! साँझ को टिरेन पकड़नी है! इस्टेसन दूर है, तो अभई निकल रहे हैं! बलउ के टेक्टर से चले जाएंगे! थोड़ी पहले निकल रहे हैं, जानते हैं न, की जब हम झोला टांगते है तुम्हरे सामने तो लगती हो रोने, फिर टिरेन में यात्रा और मुश्किल लगने लगती है! आलू के सब्ज़ी और 7 रोटी बना के बाँध लिए हैं, थोड़ा चना और गुड भी रखे हैं! बाहर नलके से पानी भर लेंगे! डाक्टर से दवाई ला दिए हैं, रसोई वाले ताखा पर है, उठा लेना नहीं तो सिता जायेगी! और समय समय से खाना भी है! गोली सफ़ेद वाली, खाली पेट सुबह! बाकी की संतरी रंग और चौकोर वाली सुभे साम! तुम्हारा कपड़ा धो के पसार दिए हैं! शाम को जागना तो उठा लेना! बाबूजी सुबह किराया भाड़ा दे दिए थे, तो उसका टेंसन न लेना! उनको कह दिए थे की निकल जाएंगे दुपहर में! बाकी खाता में पइसा पड़ा है, काम चल जाएगा इस महीने! मोटकी रजाई घाम दिखा के बड़के बक्सा में, और तुम्हारे सारे सुइटर बाबूजी के सुइटर भी उसमें ही रखे हैं! शाल दुशाला सब साफ़ है! निकाल के ओढ़ पहिन लेना! तुम्हारी जूती मोची से सिलवाय लाये थे! वहीँ आँगन में पन्नी में लपेट के रखे हैं! खाना बनाना हो तभी उतारना! नहीं तो पहनी रखना! गैस भरा दिये 3 महिना तक चली, 10 किलो शीशम की लकड़ी चीर ऊपर कमरे में रख दिए हैं! भगेलू को 5 10 रूपया दे के उतरवा लेना! तुम्हारे फोन में 239 रुपया का रिचार्ज करवा दिए हैं, जब मन करे फोन घुमा लेना! और रोना मत, खाना पीना समय से खाना! जल्दी नौकरी से लौटेंगे! तुम्हारे जागने तक हम टिरेन में बइठ गए रहेंगे! तो ख़त पढ़ के एक आँसू मत रोना! पैर छुए हैं, आसिरबाद भेज देना! ~ तुम्हारे बेटे//लल्ला/करेजा का टुकड़ा! ©Prakash writer05

#ए अम्मा! साँझ को टिरेन पकड़नी है! इस्टेसन दूर है, तो अभई निकल रहे हैं! बलउ के टेक्टर से चले जाएंगे! थोड़ी पहले निकल रहे हैं, जानते हैं न, की जब हम झोला टांगते है तुम्हरे सामने तो लगती हो रोने, फिर टिरेन में यात्रा और मुश्किल लगने लगती है! आलू के सब्ज़ी और 7 रोटी बना के बाँध लिए हैं, थोड़ा चना और गुड भी रखे हैं! बाहर नलके से पानी भर लेंगे! डाक्टर से दवाई ला दिए हैं, रसोई वाले ताखा पर है, उठा लेना नहीं तो सिता जायेगी! और समय समय से खाना भी है! गोली सफ़ेद वाली, खाली पेट सुबह! बाकी की संतरी रंग और चौकोर वाली सुभे साम!

तुम्हारा कपड़ा धो के पसार दिए हैं! शाम को जागना तो उठा लेना! बाबूजी सुबह किराया भाड़ा दे दिए थे, तो उसका टेंसन न लेना! उनको कह दिए थे की निकल जाएंगे दुपहर में! बाकी खाता में पइसा पड़ा है, काम चल जाएगा इस महीने! मोटकी रजाई घाम दिखा के बड़के बक्सा में, और तुम्हारे सारे सुइटर बाबूजी के सुइटर भी उसमें ही रखे हैं! शाल दुशाला सब साफ़ है! निकाल के ओढ़ पहिन लेना! तुम्हारी जूती मोची से सिलवाय लाये थे! वहीँ आँगन में पन्नी में लपेट के रखे हैं! खाना बनाना हो तभी उतारना! नहीं तो पहनी रखना! गैस भरा दिये है 3 महिना तक चली, 10 किलो शीशम की लकड़ी चीर ऊपर कमरे में रख दिए हैं! भगेलू को 5 10 रूपया दे के उतरवा लेना! तुम्हारे फोन में 239 रुपया का रिचार्ज करवा दिए हैं, जब मन करे फोन घुमा लेना! और रोना मत, खाना पीना समय से खाना! जल्दी नौकरी लेकर लौटेंगे! तुम्हारे जागने तक हम टिरेन में बइठ गए रहेंगे! तो ख़त पढ़ के एक आँसू मत रोना! पैर छुए हैं, आसिरबाद भेज देना!

~ तुम्हारे बेटे//लल्ला/करेजा का टुकड़ा!

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