Prakash writer05

Prakash writer05 Lives in Jaunpur, Uttar Pradesh, India

बदल दिया अब हमने नाराज़ होने का तरीका अब रूठने के बजाय ,मुस्कुरा दिया करते है !!! ###################### Instagram I'd= p.kumar1998

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#जिम्मेदारी #कोट्स

#जिम्मेदारी में डूबे लड़के Mere Alfaz जिम्मेदारियों में डूबे लड़के सब कुछ याद रखते हैं प्रेमिका का नाम , माँ की दवा , बाऊजी की उम्र उन्हे याद नहीं आता हैं तो किसी का जन्मदिन

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#ज़िन्दगी #Mai  Mai kisase jakar kahu hale dil apna
Mere dukh se to waqif meri Maa bhi nahi hai

©Prakash writer05

#Mai kisase jakar kahu hale dil apna Mere dhukh se to waqif meri Maa bhi nahi hai

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#ज़िन्दगी  होते हैं कुछ नादान से लड़के जो अपनी हंसी मुस्कुराहट ख्वाहिशों को छोड़ दिया करते हैं किसी एक लड़की के लिए, एक ऐसी लड़की के लिए जिनके आंखों का रंग भले ही भुरा क्यों ना हो लेकिन उन लड़कियों को देखकर इन लड़कों के दिन सुनहरे हो जाते हैं,और इनकी आंखों में चमक आ जाती है

होते हैं कुछ ऐसे लड़के जो उम्र के एक पड़ाव में आकर ठहर जाते हैं किसी एक लड़की के लिए, उसकी हंसी उसकी मुस्कुराहट उसके गुड नाईट और गुड मॉर्निंग के मैसेज तक सिमट कर रह जाते हैं उसकी एक झलक पाने के लिए हजारों बहाने ढूंढते हैं उसे बस एक बार देखने के लिए रात भर जगे रहते हैं सुबह मॉर्निंग वॉक से लेकर चाय की टपरी तक, सड़क के किनारे, स्कूल के पीछे, चौक से लेकर चौराहे तक बस इंतजार करते हैं अपने उस प्रेमिका का जिस प्रेमिका के लिए यह अपना सब कुछ छोड़ देते है 

और फिर अंत में ऐसे लड़के तन्हा हो जाते हैं किसी रफ को कॉपी के आख़िरी पेज की तरह, जो दुनिया भर की यादों को अपने पास समेटा हुआ तो रहता है लेकिन अकेला रहता है दुनिया से बेखबर दुनिया से बहुत दूर।

©Prakash writer05

होते हैं कुछ नादान से लड़के जो अपनी हंसी मुस्कुराहट ख्वाहिशों को छोड़ दिया करते हैं किसी एक लड़की के लिए, एक ऐसी लड़की के लिए जिनके आंखों का रंग भले ही भुरा क्यों ना हो लेकिन उन लड़कियों को देखकर इन लड़कों के दिन सुनहरे हो जाते हैं,और इनकी आंखों में चमक आ जाती है होते हैं कुछ ऐसे लड़के जो उम्र के एक पड़ाव में आकर ठहर जाते हैं किसी एक लड़की के लिए, उसकी हंसी उसकी मुस्कुराहट उसके गुड नाईट और गुड मॉर्निंग के मैसेज तक सिमट कर रह जाते हैं उसकी एक झलक पाने के लिए हजारों बहाने ढूंढते हैं उसे बस एक बार

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#ज़िन्दगी #सबसे  सबसे ज्यादा worst फिलिंग होती है...

जब आप किसी को मिस कर रहे होते है, लेकिन आप उनसे बात तक नहीं कर सकते..!!
उन्हें बता तक नही सकतें, और ये बेबसी और ये गुस्सा ये खामोसी, आपकों एक ऐसे डिप्रेशन स्टेट में ले जाती है जहाँ से निकलना तक मुश्किल हो जाता है..!!

ना आप उनसे बात कर सकते है ना आप उनकी आवाज सुन सकते है बस आप मन में दबा के रह जाते है इस जज्बात को...

बस चेहरे पर Fake smile रह जाती है दुनियां को दिखाने के लिए वो वक्त गुजारना कितना मुश्किल हो जाता है बस उसके फोन के इंतजार में फोन को अपने सीने से लगाए रहते है कि कब वो कॉल कर दे...उस समय आप अंदर से कितना परेशान होते है, कितना कमजोर पड़ जाते है अंदर से...!!

किसी के करीब ना पहुँच पाना और दिलो-दिमाक पर बस उसी का कब्जा होना कितना तड़पा देने वाला एहसास होता है...!!

बस उसकी फोटो मोबाइल में देख के समय काटना कितना मुश्किल होता है ना....!!🙂❣️

©Prakash writer05

#सबसे ज्यादा worst फिलिंग होती है... जब आप किसी को मिस कर रहे होते है, लेकिन आप उनसे बात तक नहीं कर सकते..!! उन्हें बता तक नही सकतें, और ये बेबसी और ये गुस्सा ये खामोसी, आपकों एक ऐसे डिप्रेशन स्टेट में ले जाती है जहाँ से निकलना तक मुश्किल हो जाता है..!! ना आप उनसे बात कर सकते है ना आप उनकी आवाज सुन सकते है बस आप मन में दबा के रह जाते है इस जज्बात को... बस चेहरे पर Fake smile रह जाती है दुनियां को दिखाने के लिए वो वक्त गुजारना कितना मुश्किल हो जाता है बस उसके फोन के इंतजार में फोन को अपने सीने

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#ज़िन्दगी #सुनो  सुनो तुम आओगी न देखने जब इस हृदय की धमनियां ठंढी पड़ जाएंगी,
 जब इस देह पर कफ़न की सफेद चादर डाल दी जाएंगी...
आना जरूर मैं मिलूँगा तुम्हे चिता की ठंढी हुई राख में,
जलते हुए शरीर से उठते हुए धुंए में...मैं इंतज़ार करूँगा दोस्त तुम्हारे आने का..वहां लोग बहुत होंगे मगर तुम आना
 चुपके से भीड़ के पीछे छुप कर खड़े हो जाना देखना जब मुझे मुखाग्नि पड़ रही होगी
 तो मेरे कंठ तुमसे कुछ कह रहे होंगे,
वो शब्द जो किसी से न कहे गए..
ज़रा कठिन होगा पर तुम समझ जाओगी...
हा थोड़ी सी राख जरूर अपने साथ लेते जाना
 और इक चुटकी अपने मांग में सजा लेना ।।

©Prakash writer05

#सुनो तुम आओगी न देखने जब इस हृदय की धमनियां ठंढी पड़ जाएंगी, जब इस देह पर कफ़न की सफेद चादर डाल दी जाएंगी... आना जरूर मैं मिलूँगा तुम्हे चिता की ठंढी हुई राख में,जलते हुए शरीर से उठते हुए धुंए में...मैं इंतज़ार करूँगा दोस्त तुम्हारे आने का..वहां लोग बहुत होंगे मगर तुम आना चुपके से भीड़ के पीछे छुप कर खड़े हो जाना देखना जब मुझे मुखाग्नि पड़ रही होगी तो मेरे कंठ तुमसे कुछ कह रहे होंगे,वो शब्द जो किसी से न कहे गए..ज़रा कठिन होगा पर तुम समझ जाओगी...हा थोड़ी सी राख जरूर अपने साथ लेते जाना और इक चुटक

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#ज़िन्दगी #ए  ए अम्मा! साँझ को टिरेन पकड़नी है! इस्टेसन दूर है, तो अभई निकल रहे हैं! बलउ के टेक्टर से चले जाएंगे! थोड़ी पहले निकल रहे हैं, जानते हैं न, की जब हम झोला टांगते है तुम्हरे सामने तो लगती हो रोने, फिर टिरेन में यात्रा और मुश्किल लगने लगती है! आलू के सब्ज़ी और 7 रोटी बना के बाँध लिए हैं, थोड़ा चना और गुड भी रखे हैं! बाहर नलके से पानी भर लेंगे! डाक्टर से दवाई ला दिए हैं, रसोई वाले ताखा पर है, उठा लेना नहीं तो सिता जायेगी! और समय समय से खाना भी है! गोली सफ़ेद वाली, खाली पेट सुबह! बाकी की संतरी रंग और चौकोर वाली सुभे साम!

तुम्हारा कपड़ा धो के पसार दिए हैं! शाम को जागना तो उठा लेना! बाबूजी सुबह किराया भाड़ा दे दिए थे, तो उसका टेंसन न लेना! उनको कह दिए थे की निकल जाएंगे दुपहर में! बाकी खाता में पइसा पड़ा है, काम चल जाएगा इस महीने! मोटकी रजाई घाम दिखा के बड़के बक्सा में, और तुम्हारे सारे सुइटर बाबूजी के सुइटर भी उसमें ही रखे हैं! शाल दुशाला सब साफ़ है! निकाल के ओढ़ पहिन लेना! तुम्हारी जूती मोची से सिलवाय लाये थे! वहीँ आँगन में पन्नी में लपेट के रखे हैं! खाना बनाना हो तभी उतारना! नहीं तो पहनी रखना! गैस भरा दिये 3 महिना तक चली, 10 किलो शीशम की लकड़ी चीर ऊपर कमरे में रख दिए हैं! भगेलू को 5 10 रूपया दे के उतरवा लेना! तुम्हारे फोन में 239 रुपया का रिचार्ज करवा दिए हैं, जब मन करे फोन घुमा लेना! और रोना मत, खाना पीना समय से खाना! जल्दी नौकरी से  लौटेंगे! तुम्हारे जागने तक हम टिरेन में बइठ गए रहेंगे! तो ख़त पढ़ के एक आँसू मत रोना! पैर छुए हैं, आसिरबाद भेज देना! 

~ तुम्हारे बेटे//लल्ला/करेजा का टुकड़ा!

©Prakash writer05

#ए अम्मा! साँझ को टिरेन पकड़नी है! इस्टेसन दूर है, तो अभई निकल रहे हैं! बलउ के टेक्टर से चले जाएंगे! थोड़ी पहले निकल रहे हैं, जानते हैं न, की जब हम झोला टांगते है तुम्हरे सामने तो लगती हो रोने, फिर टिरेन में यात्रा और मुश्किल लगने लगती है! आलू के सब्ज़ी और 7 रोटी बना के बाँध लिए हैं, थोड़ा चना और गुड भी रखे हैं! बाहर नलके से पानी भर लेंगे! डाक्टर से दवाई ला दिए हैं, रसोई वाले ताखा पर है, उठा लेना नहीं तो सिता जायेगी! और समय समय से खाना भी है! गोली सफ़ेद वाली, खाली पेट सुबह! बाकी की संतरी रंग और चौकोर

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