दश्त ओ सेहरा में घना साया जिसे हम समझते रहे , वो अ | हिंदी Shayari Vid

"दश्त ओ सेहरा में घना साया जिसे हम समझते रहे , वो अब्र बरसा भी तो किसी और दरया के लिए ... ©꧁ARSHU꧂ارشد "

दश्त ओ सेहरा में घना साया जिसे हम समझते रहे , वो अब्र बरसा भी तो किसी और दरया के लिए ... ©꧁ARSHU꧂ارشد

दश्त ओ सेहरा में घना साया जिसे हम समझते रहे ..
वो अब्र बरसा भी तो किसी और दरया के लिए...... @Manya Parmar @Riti sonkar Ñådåñ•√} @Mahi @jhanvi Singh

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