प्यार के दो पंछी बैठे एक पेड़ पर
जीने मरने की साथ में कसम खाई थी
वक्त भी बदला साथ ना बदला
जिंदगी दोनो ने सुख दुख में साथ बिताई थी
यही साथ तेरा मेरा भी उम्र भर रहे
साथ तेरा जिंदगी भर निभाने की
कसम मेने खाई थी
©Poet Kuldeep Singh Ruhela
प्यार के दो पंछी बैठे एक पेड़ पर
जीने मरने की साथ में कसम खाई थी
वक्त भी बदला साथ ना बदला
जिंदगी दोनो ने सुख दुख में साथ बिताई थी
यही साथ तेरा मेरा भी उम्र भर रहे
साथ तेरा जिंदगी भर निभाने की
कसम मेने खाई थी