पिता
दो अक्षर दो मात्रा
से बना एक शब्द
हिंदी में
जिसे कहते हैं ‘पिता’
यह शब्द
जबतक आपके साथ है
शून्य से नाथ तक
का सफर करवाते हैं
पूरी दुनिया
भले आपके खिलाफ हो
ये शब्द अकेला ही
बिना स्वार्थ बिना भेदभाव
कड़क स्वभाव के साथ
आपकी रक्षा करता है
इच्छाएं पूरी करता है
और तो
आपसे उसके बदले कभी
कुछ नहीं चाहता है
आप खुश हो आप समाधान हो
यही एक उसकी
उसके जीवन की सफलता होती है
–अjay नायक ‘वशिष्ठ’
©AJAY NAYAK
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पिता
दो अक्षर दो मात्रा
से बना एक शब्द
हिंदी में
जिसे कहते हैं ‘पिता’
यह शब्द