ख्वाब सारे सजाए तुम्हारे लिए
जाने क्या क्या छुपाए तुम्हारे लिए
बचपना मेरे मन से था जाता नहीं
पर जवानी में आए तुम्हारे लिए
जिन्दगानी हमारी तुम्हारे लिए
हर जनम की कहानी तुम्हारे लिए
ख्वाब मे भी जो बाते थी तुमने कही
याद सब मुँह जुबानी तुम्हारे लिए
हाथ तेरे छुए थे मेरे हाथ से
हाथ अबतक किसी से मिलाता नहीं
सारे जज्बात मेरे तेरे नाम के
हाँ मगर मै ये तुमको बताता नहीं
उम्र सारी हमारी है तेरे लिए
आदतन प्यार ज्यादा दिखाता नही
एक लड़का कुंवारा रहेगा सदा
मांग जब तक तुम्हारी सजाता नही
©Adarsh Thakur
#together