तुमको लाया हूं ब्याह कर मैं ना मोल में तुझे खरीदा हैं
तुम हो लक्ष्मी मेरे आंगन तुमसे ही घर की मर्यादा हैं
तो बात गांठ यह बांध लो तुम सबको संग लेकर चलना हैं
थोड़ा सा मैं ढल जाऊंगा थोड़ा तुमको भी ढलना हैं
हर बात पर गुस्सा मत करना ना पहुंचाना तुम ठेस प्रिये
अक्सर मत कंपेयर करना मेरा घर और परिवेश प्रियें
मेरे घर को दोष तुम मत देना चाहें कोई भी कमी रहे
थोड़ी बातों को भी सह लेना गर कोई रुड़ली बिहैब करे
माना नाजों से पली हो तुम पर बिटिया थी उनकी बहु नही
तो वैसा ही सब यहां रहे यह सोच तुम्हारी सही नही
बिटिया एक घर की मर्यादा हैं पर बहु से घर मान बढ़े
जिम्मेदारी बढ़ जाती हैं जब पिता उसका कन्यादान करें
तो उन बढ़ती जिम्मेदारियों का मान तुम्हें रखना होगा
मायके और ससुराल का सम्मान तुम्हें रखना होगा
मैं वादा करता हूं तुमसे तेरा दामन सारी खुशियां भर दूंगा
गर दे दो जो तुम साथ मेरा हर मंजिल फतह मैं कर लूंगा
एक बात हमारी तुम सुन लो सौ बात तुम्हारी सुन लूंगा
तुम हिम्मत से बस धीर धरो हर सपना पूरा कर दूंगा
मैं यकीं दिलाता हूं तुमको कभी बिगड़ेगा ये माहौल नही
परिवार के संग जो पल गुजरते है उनका कोई मोल नहीं
©Ankur tiwari
तुमको लाया हूं ब्याह कर मैं ना मोल में तुझे खरीदा हैं
तुम हो लक्ष्मी मेरे आंगन तुमसे ही घर की मर्यादा हैं
तो बात गांठ यह बांध लो तुम सबको संग लेकर चलना हैं
थोड़ा सा मैं ढल जाऊंगा थोड़ा तुमको भी ढलना हैं
हर बात पर गुस्सा मत करना ना पहुंचाना तुम ठेस प्रिये
अक्सर मत कंपेयर करना मेरा घर और परिवेश प्रियें
मेरे घर को दोष तुम मत देना चाहें कोई भी कमी रहे
थोड़ी बातों को भी सह लेना गर कोई रुड़ली बिहैब करे