खुश रहना सीखा था तुमसे वादा था साथ निभाने का
सुख से ज़्यादा दुख बाटेंगे डर हमको था खो जाने का
एक दूजे से ना रूठेंगे............ हमने ये वचन लिए मन से
दिल तुम थे..मैं धड़कन उसकी ..ना जुदा कभी होंगे तन से
हम समां जाएं एक दूजे में.. अपना दिल धड़काना होगा
जो गीत अधूरा छोड़ दिया ...........मेरे संग वो गाना होगा
जिस पथ से भटक गए हो तुम उस पथ पर फिर आना होगा
जो गीत अधूरा छोड़ दिया............ मेरे संग वो गाना होगा
कवि धर्मेन्द्र काव्य
(9759333632)
©Kavi Dharmendra Kavya
#Lights