हो सकता है हो कोई तुझसे भी सुंदर
लेकिन तेरे जैसी सीरत कहाँ से लाएगा
चाँद भले ही ना शरमाये तुझे देखकर
पर अंदर ही अंदर वो सूरज सा जल जाएगा
जो लिखना हो तुझे तो लिखूं कैसे आख़िर
तुझे लिखने को पूरा काव्य कम पड़ जाएगा
फूलों पर आकर बैठता है मचलता भँवरा
तुझे देखकर तो हर एक फूल मचल जाएगा
तेरी तस्वीर में भरने हों रंग तो कैसे भरूँ
तेरे आगे तो इंद्रधनुष फीका पड़ जाएगा
मैं तो अब डरता हूँ सोने से रातों को
नींद में मुझे तेरा चेहरा बहुत सताएगा
मैं अब भी बेसबरी से करता हूँ इंतज़ार
वो दिन कब आएगा कि तू मेरा हो जाएगा
सच कहता हूँ जब भी वो दिन आएगा
तेरा हाथ थामकर 'सनम' दुनिया जीत जाएगा
©सनम