संस्कार

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लिखने का शौक है

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#शायरी #holikadahan #holihai #Holi  मांगेगी तू जो दूँगा मैं
एक कहेगी दो दूँगा मैं

होली पर मिलने आ जाना
दाग़ ये दिल के धो दूँगा मैं

खार सरीके दिल में तेरे
फूल ख़्वाब के बो दूँगा मैं

नाराज़ी का आलम ये है
बात करी तो रो दूँगा मैं

सब सपने तेरी आँखों के
मेरी आँखों को दूँगा मैं

दिल में मेरे डर है लेकिन
शायद तुझको खो दूँगा मैं

©संस्कार

ग़ज़ल ❤️ #Holi #holihai #holikadahan

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#शायरी #shayari_dil_se #gazals #gazal  दीवानों को दीवानों से क्या मतलब
बाग़ों को इन वीरानों से क्या मतलब

हम तो सच्चा इश्क़ निभाने वाले हैं
हमको झूठे अफ़सानों से क्या मतलब

हम हैं वो जो नशा चाय का करते हैं
हम जैसों को मयखानों से क्या मतलब

वो जिनके अपने ही उनसे रूठे हों
उन लोगों को बेगानों से क्या मतलब

जो जनता को कुछ भी नहीं समझते हैं
जनता को उन सुल्तानों से क्या मतलब

मात पिता को बोझ समझते हैं अपने
मुझको ऐसे इंसानों से क्या मतलब

©संस्कार

ग़ज़ल #shayari_dil_se #Shayari #Poetry #gazal #gazals

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रेतीले से स्वप्न हैं मेरे मैं आँधियों से डरता हूँ मैं सत्य में जीने वाला कहानियों से डरता हूँ इतना सीधा बन गया है अब तो ह्रदय ये मेरा बच्चों से प्रेम है उनकी शैतानियों से डरता हूँ जो किया मैंने दूसरों के मन का किया है बस मैं बड़ा हो चुका हूँ पर मनमानियों से डरता हूँ सच कहूँ तो बड़ा सरल रहा है ये जीवन मेरा मैं तो अब छोटी छोटी परेशानियों से डरता हूँ जुड़ा रहा मैं तो धरा से ये गलती मैंने की है मैं धरा पर हूँ मगर आस्मानियों से डरता हूँ ज़ख्म भर तो चुके हैं मेरे मगर ये हाल है मेरा मैं अब उन ज़ख्मों की निशानियों से डरता हूँ बैठा हूँ मैं जीवन कि एक जर्जर सी कश्ती में डूब ना जाऊं सागर की रावनियों से डरता हूँ मैंने बना लिया है मन को पत्थर से भी सख़्त समझदारी के चक्कर में नादानियों से डरता हूँ ©सनम

#कविता #hindikavita #MereKhayaal  रेतीले से स्वप्न हैं मेरे मैं आँधियों से डरता हूँ
मैं सत्य में जीने वाला कहानियों से डरता हूँ

इतना सीधा बन गया है अब तो ह्रदय ये मेरा
बच्चों से प्रेम है उनकी शैतानियों से डरता हूँ

जो किया मैंने दूसरों के मन का किया है बस
मैं बड़ा हो चुका हूँ पर मनमानियों से डरता हूँ

सच कहूँ तो बड़ा सरल रहा है ये जीवन मेरा
मैं तो अब छोटी छोटी परेशानियों से डरता हूँ

जुड़ा रहा मैं तो धरा से ये गलती मैंने की है
मैं धरा पर हूँ मगर आस्मानियों से डरता हूँ

ज़ख्म भर तो चुके हैं मेरे मगर ये हाल है मेरा
मैं अब उन ज़ख्मों की निशानियों से डरता हूँ

बैठा हूँ मैं जीवन कि एक जर्जर सी कश्ती में
डूब ना जाऊं सागर की रावनियों से डरता हूँ

मैंने बना लिया है मन को पत्थर से भी सख़्त
समझदारी के चक्कर में नादानियों से डरता हूँ

©सनम

देखो इनको ये राजा हैं हम सबके देखो इनको ये करता धर्ता हम सबके रहते हैं यह सब ऊंचे ऊंचे महलों में और घर जर जर हुए पड़े हैं हम सबके खाते हैं यह रोज़ मलाई दबा दबा के हिस्से में बस सूखी रोटी है हम सबके इन सबके खाते भरे हुए हैं पैसों से और पास एक फूटी कौड़ी हम सबके वोटों के लिए झुकते हैं ये अपने आगे पीठ में ख़ंजर मारते हैं ये हम सबके संसद में ऐसी में रहकर लड़ते हैं बिजली नहीं है घरों में हम सबके लड़ते लड़ते हो जाते हैं अमीर सारे ऐसे एक मसीहा हैं यह हम सबके गधे को बाप बना लेते यह ज़रूरत पर और कहते हैं बेटे हैं यह हम सबके ©सनम

#कविता #Politics #Quotes #kavita  देखो इनको ये राजा हैं हम सबके
देखो इनको ये करता धर्ता हम सबके

रहते हैं यह सब ऊंचे ऊंचे महलों में
और घर जर जर हुए पड़े हैं हम सबके

खाते हैं यह रोज़ मलाई दबा दबा के
हिस्से में बस सूखी रोटी है हम सबके

इन सबके खाते भरे हुए हैं पैसों से 
और पास एक फूटी कौड़ी हम सबके

वोटों के लिए झुकते हैं ये अपने आगे
पीठ में ख़ंजर मारते हैं ये हम सबके

संसद में ऐसी में रहकर लड़ते हैं
बिजली नहीं है घरों में हम सबके

लड़ते लड़ते हो जाते हैं अमीर सारे
ऐसे एक मसीहा हैं यह हम सबके

गधे को बाप बना लेते यह ज़रूरत पर
और कहते हैं बेटे हैं यह हम सबके

©सनम

कुछ नेताओं को समर्पित . #kavita #Politics #Quotes

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मैं सोचता था बचपन में बड़ी सी इमारत देखकर आखिर क्यों मेरे माँ बाप मुझे छोटे से घर में रखते हैं जब देखा चिड़िया को तिनको से घर बनाते हुए तब लगने लगा कि वो तो मुझे महल में रखते हैं। ©सनम

#शायरी #OneSeason  मैं सोचता था बचपन में बड़ी सी इमारत देखकर
आखिर क्यों मेरे माँ बाप मुझे छोटे से घर में रखते हैं

जब देखा चिड़िया को तिनको से घर बनाते हुए
तब लगने लगा कि वो तो मुझे महल में रखते हैं।

©सनम

मैं सोचता था बचपन में बड़ी सी इमारत देखकर आखिर क्यों मेरे माँ बाप मुझे छोटे से घर में रखते हैं जब देखा चिड़िया को तिनको से घर बनाते हुए तब लगने लगा कि वो तो मुझे महल में रखते हैं। #OneSeason

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हो सकता है हो कोई तुझसे भी सुंदर लेकिन तेरे जैसी सीरत कहाँ से लाएगा चाँद भले ही ना शरमाये तुझे देखकर पर अंदर ही अंदर वो सूरज सा जल जाएगा जो लिखना हो तुझे तो लिखूं कैसे आख़िर तुझे लिखने को पूरा काव्य कम पड़ जाएगा फूलों पर आकर बैठता है मचलता भँवरा तुझे देखकर तो हर एक फूल मचल जाएगा तेरी तस्वीर में भरने हों रंग तो कैसे भरूँ तेरे आगे तो इंद्रधनुष फीका पड़ जाएगा मैं तो अब डरता हूँ सोने से रातों को नींद में मुझे तेरा चेहरा बहुत सताएगा मैं अब भी बेसबरी से करता हूँ इंतज़ार वो दिन कब आएगा कि तू मेरा हो जाएगा सच कहता हूँ जब भी वो दिन आएगा तेरा हाथ थामकर 'सनम' दुनिया जीत जाएगा ©सनम

#कविता  हो सकता है हो कोई तुझसे भी सुंदर
लेकिन तेरे जैसी सीरत कहाँ से लाएगा

चाँद भले ही ना शरमाये तुझे देखकर
पर अंदर ही अंदर वो सूरज सा जल जाएगा

जो लिखना हो तुझे तो लिखूं कैसे आख़िर
तुझे लिखने को पूरा काव्य कम पड़ जाएगा

फूलों पर आकर बैठता है मचलता भँवरा
तुझे देखकर तो हर एक फूल मचल जाएगा

तेरी तस्वीर में भरने हों रंग तो कैसे भरूँ
तेरे आगे तो इंद्रधनुष फीका पड़ जाएगा

मैं तो अब डरता हूँ सोने से रातों को
नींद में मुझे तेरा चेहरा बहुत सताएगा

मैं अब भी बेसबरी से करता हूँ इंतज़ार
वो दिन कब आएगा कि तू मेरा हो जाएगा

सच कहता हूँ जब भी वो दिन आएगा
तेरा हाथ थामकर 'सनम' दुनिया जीत जाएगा

©सनम

हो सकता है हो कोई तुझसे भी सुंदर लेकिन तेरे जैसी सीरत कहाँ से लाएगा चाँद भले ही ना शरमाये तुझे देखकर पर अंदर ही अंदर वो सूरज सा जल जाएगा जो लिखना हो तुझे तो लिखूं कैसे आख़िर तुझे लिखने को पूरा काव्य कम पड़ जाएगा फूलों पर आकर बैठता है मचलता भँवरा तुझे देखकर तो हर एक फूल मचल जाएगा तेरी तस्वीर में भरने हों रंग तो कैसे भरूँ तेरे आगे तो इंद्रधनुष फीका पड़ जाएगा मैं तो अब डरता हूँ सोने से रातों को नींद में मुझे तेरा चेहरा बहुत सताएगा मैं अब भी बेसबरी से करता हूँ इंतज़ार वो दिन कब आएगा कि तू मेरा हो जाएगा सच कहता हूँ जब भी वो दिन आएगा तेरा हाथ थामकर 'सनम' दुनिया जीत जाएगा ©सनम

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