White सफर में अब बदलते हैं,
यहां पर हमसफर देखो।
नजारे देखने वाले सुनो
अपना भी घर देखो।।
छतों से बहता हुआ सावन,
तुम्हें पसंद हो शायद।
मगर देखो कभी नदी,
कभी मिट्टी का घर देखो।
तेरे ख्याल सच्चे हैं,
रदीफ भी अच्छा है।
पहले देखो जरा नुक्ते
कोई छोटी बहर देखो।
©निर्भय निरपुरिया
#good_night