White चाहा नहीं कभी मेरी ज़िंदगी में तू शामिल हो,
और सोंचा नहीं कभी तुझसे दूर होकर जीने को।
ख्वाहिशों को तेरी आँखों में देख लेता हूँ,
पर चाहा नहीं कभी तेरे बगैर उनको जीने को।
गर होती दोस्ती तो खुले आम बता देते सबको,
पर ये तो मुहब्बत है इसे सीने में छुपकर रहने दो।
उनकी आँखों में मैंने खुशियों की चमक देखी है,
बन्द पलकों में उन्हें डूबकर अब रहने दो।
आजकल खामोश से रहते हैं वो ज़रा ज़रा,
शायद तमाम आँसू मिले हैं उनको पीने को।
कुछ कहानियाँ पन्नों में दबकर रह गयीं,
कुछ सूखे गुलाब सहारा हैं गम पीने को।
मुद्दतों बाद आज देखा है उन्हें हँसते हुए,
शायद कोई वजह मिल गयी है उनको जीने को।
या बीते हुए हसीन लम्हों को फिर दोहराया है,
शायद यही खुशी है जो कहती है फिर से जीने को।
आज उड़ने को बेताब है मनपंक्षी उन्हें उड़ जाने दो,
पास लाओ अपने कदमों को इन्हें छूकर ही बहक जाने दो।
मुद्दतों बाद तेरी कुछ खैर मिली है मुझको,
छुपे से जो अरमान हैं गले लगकरके मचल जाने दो।
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©Neel
अरमान 🍁