*#ग़ज़ल*
तेरी यादों से दिल मेरा खाली न हो।
तेरे बिन मन मेरा बेख्याली न हो।
हो तेरा हाथ, हाथों में मेरे सदा,
मेरे हाथों में फूलों की डाली न हो।
उस खुदा से मैं सजदे में माँगूं यही,
तेरे लब जैसे फूलों में लाली न हो।
बस तुझे सोचता हूँ मैं आठों पहर,
मेरे जैसा तेरा हम ख्याली न हो।
याद आना मुझे तुम हमेशा सनम,
तेरी यादों की दिल मे कंगाली न हो।
मैं जलाऊँ न दीपक तेरे नाम की,
ऐसी मेरी कोई अब दिवाली न हो।
*✍️ अविनाश सिंह अमेठिया*
*(देवरिया) +919135481448*
©Kavi Awinash singh Amethia
#feelings