मेरे ख्वाबों में आना जानता है
मुहब्बत वो जताना जानता है
जुदाई को मुकद्दर करके मेरा
वो यादों में जलाना जानता है
मोहब्बत को मेरी क़िस्मत बनाकर
वो रातों को जगाना जानता है
निगाहें रुख़ पे मेरे जम गयी हैं
मुझे यूँ ही सजाना जानता है
लबों पर नाम मेरा ही सजाकर
मुझे वो गुनगुनाना जानता है
ज़माने में मेरी इज्ज़त की ख़ातिर
मेरे ख़त वो छुपाना जानता है
अदा अपनी चलाकर इश्क़ की वो
तमन्ना 'विशु'की मिटाना जानता है
मेरे ख्वाबों में आना जानता हैं ...
After a very long period on Nojoto ... Plz like and Share my Thoughts Friends ....