दया _______ ये है , बारिश की बूंदे देखो आंसुओ सी | हिंदी कविता Video

"दया _______ ये है , बारिश की बूंदे देखो आंसुओ सी प्रतीत हो रही प्रियतम मेरा गया कही एक बार पग निज फिरा नही जल रहा है कानन निर्झर इस मेघ को भी दया नही केहे रहा हु रात–दिन एक बार श्रमकण घिरा नही समा गया नन्हा पौधा __अकाल मृत्यु कोख में मजाल है इस मेघ की जो समय पे बरसा कही देख रहे हो में गर्जना .... निज मन पाप पिघला नहीं पिघल गया मेरा उर ये देख न पाया कोय दोष तो मेरे इसी अरण का जिसपर मोहित पंछी होय नष्ट हो रही काया ये ,,,, अब जैसे मोती से मान गया वर्षा के पवित्र जल संग मेरा ये नयन अभिमान गया ___________ अभिषेक सरकार ©Abhi Roy "

दया _______ ये है , बारिश की बूंदे देखो आंसुओ सी प्रतीत हो रही प्रियतम मेरा गया कही एक बार पग निज फिरा नही जल रहा है कानन निर्झर इस मेघ को भी दया नही केहे रहा हु रात–दिन एक बार श्रमकण घिरा नही समा गया नन्हा पौधा __अकाल मृत्यु कोख में मजाल है इस मेघ की जो समय पे बरसा कही देख रहे हो में गर्जना .... निज मन पाप पिघला नहीं पिघल गया मेरा उर ये देख न पाया कोय दोष तो मेरे इसी अरण का जिसपर मोहित पंछी होय नष्ट हो रही काया ये ,,,, अब जैसे मोती से मान गया वर्षा के पवित्र जल संग मेरा ये नयन अभिमान गया ___________ अभिषेक सरकार ©Abhi Roy

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