हर दर्द छुपाकर रो जाना मुश्किल है आसां हो जाना। | हिंदी Poetry

"हर दर्द छुपाकर रो जाना मुश्किल है आसां हो जाना। हर शख़्स यहां पर मुर्दा है आवाज़ उठाई तो जाना। ख़ुद को हमने हल्कान किया तब जाकर उसने पहचाना। ©Prashant paras"

 हर दर्द  छुपाकर रो जाना
मुश्किल है आसां हो जाना।

हर शख़्स यहां पर मुर्दा है
आवाज़  उठाई  तो  जाना।

ख़ुद को हमने हल्कान किया
तब  जाकर  उसने  पहचाना।

©Prashant paras

हर दर्द छुपाकर रो जाना मुश्किल है आसां हो जाना। हर शख़्स यहां पर मुर्दा है आवाज़ उठाई तो जाना। ख़ुद को हमने हल्कान किया तब जाकर उसने पहचाना। ©Prashant paras

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