लगे तु भटकी है कहीं
मुहब्बत कह सकता हुं क्या उसे
मज़हब मे ना तु बँटी हैं कभी
तु पश्मीना सी शॉल हैं
लाख कोशिशें लाख लडाइयाँ
करी जो तेरे वासते
तु उल्फत हैं या हैं कश्मीर
जीत मुझे न मिल रही
हारना मुझे गवारा नहि
रकीबों की पहरेदारी हैं मुझ पर
शरीफों की बातें लगती तुम्हें बेअसर
रकीबों पर स्ट्राइक भी तो कर सकते हैं
हम अमन से तुम्हें पाना चाहते हैं
तु पश्मीना सी
#Nirav_Prajapati