तुम्हें यकीं कैसे दिलाता, तुम्हें कितना चाहता हूं | हिंदी Shayari Vide

"तुम्हें यकीं कैसे दिलाता, तुम्हें कितना चाहता हूं , मर के शहर में तुम्हारे, ठहर जाना चाहता हूं। आखिरी ख्वाहिश है, जलकर खाक हो जाने की , राख बनकर इन वादियों में बिखर जाना चाहता हूं। ©" शमी सतीश " (Satish Girotiya) "

तुम्हें यकीं कैसे दिलाता, तुम्हें कितना चाहता हूं , मर के शहर में तुम्हारे, ठहर जाना चाहता हूं। आखिरी ख्वाहिश है, जलकर खाक हो जाने की , राख बनकर इन वादियों में बिखर जाना चाहता हूं। ©" शमी सतीश " (Satish Girotiya)

#शहर

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