मैं फिर भी तुमको चाहूँगा, तू साथ रहे या हो दूरियाँ | हिंदी कविता

"मैं फिर भी तुमको चाहूँगा, तू साथ रहे या हो दूरियाँ , तेरे दर्द को अपना मानूँगी । दुश्मन हो जाए सारा जहाँ , मै तुमसे हर वादा निभाऊँगी ।। तेरे लबों की हंसी के लिए , हर लम्हा खुशी बन छा जाऊँगी । तेरे उन हसीन सपनों के लिए , थाम के हाथ तुझे राह दिखाऊँगी ।। झोंका हवा का कैसा भी आए , कभी तुम्हें छोड़ के नहीं जाऊँगी । उम्र का पड़ाव कैसा भी आए , मैं फिर भी तुमको चाहूँगी ।। ©नंदिता मिश्रा"

 मैं फिर भी तुमको चाहूँगा, तू साथ रहे या हो दूरियाँ ,
तेरे दर्द को अपना मानूँगी ।
दुश्मन हो जाए सारा जहाँ ,
मै तुमसे हर वादा निभाऊँगी ।।

तेरे लबों की हंसी के लिए ,
हर लम्हा खुशी बन छा जाऊँगी ।
तेरे उन हसीन सपनों के लिए ,
थाम के हाथ तुझे राह दिखाऊँगी ।।

झोंका हवा का कैसा भी आए ,
कभी तुम्हें छोड़ के नहीं जाऊँगी ।
उम्र का पड़ाव कैसा भी आए ,
मैं फिर भी तुमको चाहूँगी ।।
©नंदिता मिश्रा

मैं फिर भी तुमको चाहूँगा, तू साथ रहे या हो दूरियाँ , तेरे दर्द को अपना मानूँगी । दुश्मन हो जाए सारा जहाँ , मै तुमसे हर वादा निभाऊँगी ।। तेरे लबों की हंसी के लिए , हर लम्हा खुशी बन छा जाऊँगी । तेरे उन हसीन सपनों के लिए , थाम के हाथ तुझे राह दिखाऊँगी ।। झोंका हवा का कैसा भी आए , कभी तुम्हें छोड़ के नहीं जाऊँगी । उम्र का पड़ाव कैसा भी आए , मैं फिर भी तुमको चाहूँगी ।। ©नंदिता मिश्रा

#hindipoetrystation #writersofindia #writerscommunity #poetsofindia #poetsofinstagram #writerofinstagram #hindikavita #shhudhhindi #kavita

People who shared love close

More like this

Trending Topic