White आरोपों की झड़ी लगा दी, लोगों ने फिर तड़ी लग | हिंदी कविता

"White आरोपों की झड़ी लगा दी, लोगों ने फिर तड़ी लगा दी, देखी गई ख़ुशी ना जग से, हाथों में हथकड़ी लगा दी, ताव लगाना भूल गया वो, मूँछों में फुलझड़ी लगा दी, मूँगफली की फसलें देखी, खेतों में गिलहरी लगा दी, मच्छर ने जब राग सुनाया, हमनें भी मसहरी लगा दी, छू जाए ना दिल को यारों, बातों में मसख़री लगा दी, गुंजन उलझे थे नाहक ही, खातों में गड़बड़ी लगा दी, -शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' प्रयागराज उ॰प्र॰ ©Shashi Bhushan Mishra"

 White आरोपों की झड़ी लगा दी, 
लोगों ने फिर तड़ी लगा दी,

देखी गई ख़ुशी ना जग से,
हाथों में  हथकड़ी लगा दी,

ताव लगाना भूल गया वो, 
मूँछों में फुलझड़ी लगा दी,

मूँगफली की फसलें देखी, 
खेतों में गिलहरी लगा दी,

मच्छर ने जब राग सुनाया, 
हमनें भी मसहरी लगा दी,

छू जाए ना दिल को यारों, 
बातों में मसख़री लगा दी,

गुंजन उलझे थे नाहक ही,
खातों में गड़बड़ी लगा दी,
-शशि भूषण मिश्र 'गुंजन'
    प्रयागराज उ॰प्र॰

©Shashi Bhushan Mishra

White आरोपों की झड़ी लगा दी, लोगों ने फिर तड़ी लगा दी, देखी गई ख़ुशी ना जग से, हाथों में हथकड़ी लगा दी, ताव लगाना भूल गया वो, मूँछों में फुलझड़ी लगा दी, मूँगफली की फसलें देखी, खेतों में गिलहरी लगा दी, मच्छर ने जब राग सुनाया, हमनें भी मसहरी लगा दी, छू जाए ना दिल को यारों, बातों में मसख़री लगा दी, गुंजन उलझे थे नाहक ही, खातों में गड़बड़ी लगा दी, -शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' प्रयागराज उ॰प्र॰ ©Shashi Bhushan Mishra

#आरोपों की झड़ी लगा दी#

People who shared love close

More like this

Trending Topic