जी-हुजूरी कब तलक, बे-श'ऊरी कब तलक, इत्तेफ़ाकन कु | हिंदी शायरी

"जी-हुजूरी कब तलक, बे-श'ऊरी कब तलक, इत्तेफ़ाकन कुछ नहीं, हमसे दूरी कब तलक, बे-अदब गुस्ताख़ियाँ, बे-क़रारी कब तलक, रहनुमा गुमराह क्यों, बे-हयाई कब तलक, हाथ में खंज़र छिपा, आशनाई कब तलक, रहगुज़र अच्छी नहीं, इंतिहाई कब तलक, जब उम्मीदें ना बची, इंतज़ारी कब तलक, हो अगर मंज़िल ज़ुदा, रहनुमाई कब तलक, मची 'गुंजन'खींच तान, दुनियादारी कब तलक, --शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' प्रयागराज ©Shashi Bhushan Mishra"

 जी-हुजूरी कब तलक, 
बे-श'ऊरी कब तलक,

इत्तेफ़ाकन कुछ नहीं, 
हमसे दूरी कब तलक,

बे-अदब गुस्ताख़ियाँ, 
बे-क़रारी कब तलक,

रहनुमा गुमराह क्यों, 
बे-हयाई कब तलक,

हाथ में  खंज़र छिपा, 
आशनाई कब तलक,

रहगुज़र अच्छी नहीं, 
इंतिहाई कब तलक,

जब उम्मीदें ना बची, 
इंतज़ारी कब तलक,

हो अगर मंज़िल ज़ुदा, 
रहनुमाई  कब तलक,

मची 'गुंजन'खींच तान, 
दुनियादारी कब तलक, 
  --शशि भूषण मिश्र 
    'गुंजन' प्रयागराज

©Shashi Bhushan Mishra

जी-हुजूरी कब तलक, बे-श'ऊरी कब तलक, इत्तेफ़ाकन कुछ नहीं, हमसे दूरी कब तलक, बे-अदब गुस्ताख़ियाँ, बे-क़रारी कब तलक, रहनुमा गुमराह क्यों, बे-हयाई कब तलक, हाथ में खंज़र छिपा, आशनाई कब तलक, रहगुज़र अच्छी नहीं, इंतिहाई कब तलक, जब उम्मीदें ना बची, इंतज़ारी कब तलक, हो अगर मंज़िल ज़ुदा, रहनुमाई कब तलक, मची 'गुंजन'खींच तान, दुनियादारी कब तलक, --शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' प्रयागराज ©Shashi Bhushan Mishra

#जी हुज़ूरी कब तलक#

People who shared love close

More like this

Trending Topic