मांगो दुआएं आज हिंदुस्तान के लिए
आदम न जाए कोई भी शमशान के लिए
चुभता बहुत है अपनो का जाना यूं बेसबब
इससे बड़ा न ज़ख्म है इंसान के लिए
आंसू या चीख एक ही जैसे निकलते हैं
एक जैसे हैं ये हिंदू मुसलमान के लिए
सांसों को सांस अब मिले ये मर्ज हो फना
करना दुआएं ये ही सबकी जान के लिए
कुछ तो रहम हो अब यहां बंदे है तेरे सब
मुश्किल है ये भी क्या खुदा भगवान के लिए?
आशीष प्रकाश©
©kavi ashish prakash
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