सुनो! फिर तुम्हें कभी लौटकर आना हो तो इस बार पगडंड

"सुनो! फिर तुम्हें कभी लौटकर आना हो तो इस बार पगडंडियों से आना सड़कों पर भीड़ बहुत है kavita ©kashish(kavita)"

 सुनो! फिर तुम्हें कभी लौटकर आना हो तो इस बार
पगडंडियों से आना सड़कों पर भीड़ बहुत है

kavita

©kashish(kavita)

सुनो! फिर तुम्हें कभी लौटकर आना हो तो इस बार पगडंडियों से आना सड़कों पर भीड़ बहुत है kavita ©kashish(kavita)

#WorldPoetryDay

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