BeHappy कभी कभी सोचती हूँ
कि सुख कभी अकेले क्यों नहीं आता है
दुःख जब भी आता है, अकेला आता है
तो फ़िर सुख क्यों दुख से दोस्ती निभाता है
छोड़ क्यों नहीं देता वो साथ उसका
मुस्कुराती हूँ, तो साथ मे वो आँसूं भी ले आता है
कई बार सोचा कि दरकिनार कर दूँ बाहर कर दूँ दुःख को
लेकिन हर बार दुःख सुख पर भारी पड़ जाता है
©Richa Dhar
#beHappy सुख दुःख