#OpenPoetry तेरे ख्वाब क्यों देखूँ मेरे भी अपने | हिंदी Love

"#OpenPoetry तेरे ख्वाब क्यों देखूँ मेरे भी अपने ख्वाब हैं तेरे बातों में क्यु उलझु मेरे भी कुछ अलफाज हैं तेरी यादों को संजोता था न जाने कैसे सोता था तकिये ने मुझ से ये कहा था तु आदमी है या दरिया है तु क्यु घुट घुट कर जिता है जब तेरे अंदर भी चिता है जब तेरे अंदर भी चिता है ।"

 #OpenPoetry  तेरे ख्वाब क्यों देखूँ 
मेरे भी अपने ख्वाब हैं 
तेरे बातों में क्यु उलझु
मेरे भी कुछ अलफाज हैं 
तेरी यादों को संजोता था 
न जाने कैसे सोता था 
तकिये ने मुझ से ये कहा था 
तु आदमी है या दरिया है 
तु क्यु घुट घुट कर जिता है 
जब तेरे अंदर भी चिता है 
जब तेरे अंदर भी चिता है ।

#OpenPoetry तेरे ख्वाब क्यों देखूँ मेरे भी अपने ख्वाब हैं तेरे बातों में क्यु उलझु मेरे भी कुछ अलफाज हैं तेरी यादों को संजोता था न जाने कैसे सोता था तकिये ने मुझ से ये कहा था तु आदमी है या दरिया है तु क्यु घुट घुट कर जिता है जब तेरे अंदर भी चिता है जब तेरे अंदर भी चिता है ।

#OpenPoetry जब तेरे अंदर भी चिता है
#Hindi #brokenheart #Wakeup #Tiger #atitude

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