फूलों की खुशबू की तरह हवा में मिल जाना चाहता हूं।
कोई हमसे भी तो प्यार करो खत में तुम्हारा नाम लिखना चाहता हुं।
तुझसे दूर बेशक हूं लेकिन कुछ तो मजबूरियां हैं।
बेशब्री इतनी के पूछो मत, तुम्हे बांहों में महसूस करना चाहता हूं।
अभी तक खुशबू बरकरार है मेरे उन कपड़ों पर जिसे तुमने कभी छुआ था।
फिर से उसी रंगो की खुशबू में घुल जाना चाहता हूं।
ये आईने जो बदरंग हो गए है ये जो फूल मुरझा गए है किताबों पे पड़ी धूल हटाना चाहता हूं।
मैं बेसुध पड़ा हूं प्यार के अमृत भरे प्यालों सा,
एक रंग दूसरे रंग में मिल जाते हैं जैसे मैं भी तुममे कहीं खो जाना चाहता हूं।
एक सुबह की गुनगुन, एक शाम का सरगम नदी का किनारा, सर्दी का दिन और एक रात तुम्हारा चाहता हूं।
©suraj
#teatime
#Love
#Relationship
#meri_rubai