किसी कील के हाथ लग भी जाए जो हथौड़ी, ठुकने की आदत | हिंदी शायरी

"किसी कील के हाथ लग भी जाए जो हथौड़ी, ठुकने की आदत कील ने फिर भी न कभी छोड़ी। ©shrikant yadav"

 किसी कील के हाथ 
लग भी जाए जो हथौड़ी,
ठुकने की आदत कील ने 
फिर भी न कभी छोड़ी।

©shrikant yadav

किसी कील के हाथ लग भी जाए जो हथौड़ी, ठुकने की आदत कील ने फिर भी न कभी छोड़ी। ©shrikant yadav

#आदत

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