गफलत में नहीं चाह कर यह कर बैठे थे, खुद से ज्यादा | हिंदी Shayari Vide

"गफलत में नहीं चाह कर यह कर बैठे थे, खुद से ज्यादा तुम पर यकीन कर बैठे थे यूं तो निभाने के लिए रस्म -ओ -रिवाज़ भी थे, हम तो धुंध मिटाने का फैसला कर बैठे थे साथ मुड़ते तो रास्ते भी दिख जाते, हम तो दहलीज पर तैयार बैठे थे ©pankaj mishra "

गफलत में नहीं चाह कर यह कर बैठे थे, खुद से ज्यादा तुम पर यकीन कर बैठे थे यूं तो निभाने के लिए रस्म -ओ -रिवाज़ भी थे, हम तो धुंध मिटाने का फैसला कर बैठे थे साथ मुड़ते तो रास्ते भी दिख जाते, हम तो दहलीज पर तैयार बैठे थे ©pankaj mishra

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