चाय और तुम
सुबह सुबह की पहली गरम चाय से
तुम उतरती हो दिल में मेरे प्यार से
ये प्यार और भी अधिक बढ़ जाएगा
जब आओगी तुम पास अपने आप से
जब चाय और तुम हो मेरे साथ में
तुम्हारा कोमल हाथ हो मेरे हाथ में
चाय का नशा और भी बढ़ जाएगा
जब पिलाओगी तुम अपने हाथ से
मैं घायल हूँ तुम्हारी इस मुस्कान से
और तुम्हारे चाय पीने के अंदाज़ से
ये पल भी और रंगीन बन जाएगा
जब निहारोगी तुम मुझे बड़े प्यार से
जब से जुड़ी हो तुम मेरी जिन्दगी से
तो कैसी गिला है मुझे इस जिन्दगी से
जिन्दगी का सफर भी सरल हो जाएगा
जब बिताओगी तुम जिन्दगी मुस्कान से
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देवेश दीक्षित
©Devesh Dixit
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चाय और तुम
सुबह सुबह की पहली गरम चाय से,
तुम उतरती हो दिल में मेरे प्यार से।
ये प्यार और भी अधिक बढ़ जाएगा,
जब आओगी तुम पास अपने आप से।