White दोस्तों मैंने यह कविता तब लिखी थी जब NRC/CAA | हिंदी Poetry

"White दोस्तों मैंने यह कविता तब लिखी थी जब NRC/CAAजैसा काला कानून देश में लाया गया था और दिल्ली में शाहीन बाग में बहुत बड़ा आंदोलन उसे खिलाफ चला था और जब शाहीन बाग में जो औरतें अपने आंदोलन में शामिल हो रही थी उनको गालियां गंदे गंदे शब्द बोले जा रहे थे तो उनके आंदोलनकारियों के सम्मान में यह कविता मैंने लिखी थी। " महान औरतें" तुम इनको औरत ना समझो क्रांति का आह्वान है शाहीन बाग का नाम विश्व में संघर्ष की पहचान है। लानत है उन पर जो करते औरत का अपमान है 4 महीने का बेटा मोहम्मद कर दिया मां ने कुर्बान है। फूलन देवी बनकर नारी जब-जब भरती हुंकार है अपने अत्याचारियों का करती फिर संहार है। आज की नारी फूलन देवी बनने को तैयार है शाहीन बाघ को देखकर अब कांपी ये सरकार है। देशभक्ति का नाटक करते बनते चौकीदार है पर्व है वह देश लूटने वाले वास्तव में गद्दार है। देश बेचकर खा गए जो क्या आदर के हकदार हैं? हिंदू मुस्लिम करने वाला धर्म का ठेकेदार है। झूठे जुमले सुनकर जनता बहुत हुई परेशान है पर जनता की यह सुने नहीं हुआ सत्ता का अभिमान है। इस सत्ता को बदलना चाहता भारत का नौजवान है तानाशाही नहीं सहेंगे करते ये आह्वान है। ©Vijay Vidrohi"

 White दोस्तों मैंने यह कविता तब लिखी थी जब NRC/CAAजैसा  
काला कानून देश में लाया गया था और दिल्ली में शाहीन बाग में बहुत बड़ा आंदोलन उसे खिलाफ चला था और जब शाहीन बाग में जो औरतें अपने आंदोलन में शामिल हो रही थी उनको गालियां गंदे गंदे शब्द बोले जा रहे थे तो उनके आंदोलनकारियों के सम्मान में यह कविता मैंने लिखी थी।

" महान औरतें"
तुम इनको औरत ना समझो क्रांति का आह्वान है
शाहीन बाग का नाम विश्व में संघर्ष की पहचान है।

लानत है उन पर जो करते औरत का अपमान है
4 महीने का बेटा मोहम्मद कर दिया मां ने कुर्बान है।

फूलन देवी बनकर नारी जब-जब भरती हुंकार है
अपने अत्याचारियों का करती फिर संहार है।

आज की नारी फूलन देवी बनने को तैयार है
शाहीन बाघ को देखकर अब कांपी ये सरकार है।

देशभक्ति का नाटक करते बनते चौकीदार है
पर्व है वह देश लूटने वाले वास्तव में गद्दार है।

देश बेचकर खा गए जो क्या आदर के हकदार हैं?
हिंदू मुस्लिम करने वाला धर्म का ठेकेदार है।

झूठे जुमले सुनकर जनता बहुत हुई परेशान है
पर जनता की यह सुने नहीं हुआ सत्ता का अभिमान है।

इस सत्ता को बदलना चाहता भारत का नौजवान है
तानाशाही नहीं सहेंगे करते ये आह्वान है।

©Vijay Vidrohi

White दोस्तों मैंने यह कविता तब लिखी थी जब NRC/CAAजैसा काला कानून देश में लाया गया था और दिल्ली में शाहीन बाग में बहुत बड़ा आंदोलन उसे खिलाफ चला था और जब शाहीन बाग में जो औरतें अपने आंदोलन में शामिल हो रही थी उनको गालियां गंदे गंदे शब्द बोले जा रहे थे तो उनके आंदोलनकारियों के सम्मान में यह कविता मैंने लिखी थी। " महान औरतें" तुम इनको औरत ना समझो क्रांति का आह्वान है शाहीन बाग का नाम विश्व में संघर्ष की पहचान है। लानत है उन पर जो करते औरत का अपमान है 4 महीने का बेटा मोहम्मद कर दिया मां ने कुर्बान है। फूलन देवी बनकर नारी जब-जब भरती हुंकार है अपने अत्याचारियों का करती फिर संहार है। आज की नारी फूलन देवी बनने को तैयार है शाहीन बाघ को देखकर अब कांपी ये सरकार है। देशभक्ति का नाटक करते बनते चौकीदार है पर्व है वह देश लूटने वाले वास्तव में गद्दार है। देश बेचकर खा गए जो क्या आदर के हकदार हैं? हिंदू मुस्लिम करने वाला धर्म का ठेकेदार है। झूठे जुमले सुनकर जनता बहुत हुई परेशान है पर जनता की यह सुने नहीं हुआ सत्ता का अभिमान है। इस सत्ता को बदलना चाहता भारत का नौजवान है तानाशाही नहीं सहेंगे करते ये आह्वान है। ©Vijay Vidrohi

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