तुम ठहरी परदेशी मैम एक दफा देखा उनको आँखों में न

"तुम ठहरी परदेशी मैम एक दफा देखा उनको आँखों में न नींद रही.................(धीरे आवाज) एक दफा देखा उनको आँखों में न नींद रही.............(.जोर) एक दफा देखा उनको आँखों में न नींद रही.............(.बहुत जोर) साँसें मेरी साथ छोड़कर पलकें मेरी मूँद रहीं............(.बहुत जोर) क्या था अपनापन बेगाना सीने में ही दबा रहा...........जोर दिल भी खाली लेन देन के सौदे में ही लगा रहा..............धीरे था बेगानापन अपना ही हाथों में अस्क की बूँद रही.............बहुत जोर साँसें मेरी साथ छोड़कर पलकें मेरी मूँद रहीं.................धीरे तुम ठहरी परदेशी मैम मैं गाँव का था एक छोरा.............जोर कोशिश की पर दिल न माना बीच धार में बोरा..................धीरे टूटा दिल मोतियन की माला एक एक कर रूँध रही.............बहुत जोर साँसें मेरी साथ छोड़कर पलकें मेरी मूँद रहीं.................धीरे"

 तुम ठहरी परदेशी मैम

एक दफा देखा उनको 
आँखों में न नींद रही.................(धीरे आवाज)
एक दफा देखा उनको 
आँखों में न नींद रही.............(.जोर)
एक दफा देखा उनको 
आँखों में न नींद रही.............(.बहुत जोर)
साँसें मेरी साथ छोड़कर
पलकें मेरी मूँद रहीं............(.बहुत जोर)

क्या था अपनापन बेगाना
सीने में ही दबा रहा...........जोर
दिल भी खाली लेन देन के
सौदे में ही लगा रहा..............धीरे
था बेगानापन अपना ही
हाथों में अस्क की बूँद रही.............बहुत जोर
साँसें मेरी साथ छोड़कर
पलकें मेरी मूँद रहीं.................धीरे

तुम ठहरी परदेशी मैम
मैं गाँव का था एक छोरा.............जोर
कोशिश की पर दिल न माना
बीच धार में बोरा..................धीरे
टूटा दिल मोतियन की माला
एक एक कर रूँध रही.............बहुत जोर
साँसें मेरी साथ छोड़कर
पलकें मेरी मूँद रहीं.................धीरे

तुम ठहरी परदेशी मैम एक दफा देखा उनको आँखों में न नींद रही.................(धीरे आवाज) एक दफा देखा उनको आँखों में न नींद रही.............(.जोर) एक दफा देखा उनको आँखों में न नींद रही.............(.बहुत जोर) साँसें मेरी साथ छोड़कर पलकें मेरी मूँद रहीं............(.बहुत जोर) क्या था अपनापन बेगाना सीने में ही दबा रहा...........जोर दिल भी खाली लेन देन के सौदे में ही लगा रहा..............धीरे था बेगानापन अपना ही हाथों में अस्क की बूँद रही.............बहुत जोर साँसें मेरी साथ छोड़कर पलकें मेरी मूँद रहीं.................धीरे तुम ठहरी परदेशी मैम मैं गाँव का था एक छोरा.............जोर कोशिश की पर दिल न माना बीच धार में बोरा..................धीरे टूटा दिल मोतियन की माला एक एक कर रूँध रही.............बहुत जोर साँसें मेरी साथ छोड़कर पलकें मेरी मूँद रहीं.................धीरे

तुम ठहरी परदेशी मैम

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