White खो देने के डर से खुद को संभालते रहे।
पता न चला खुद को पहले से खो बैठे थे।।
बिछड़ने के डर से फासलें घटाते गए,
पता न था की हम कभी मिले ही न थे।।
क्या खोना क्या अब बिछड़ना,
जब सब पहले से तय था।
नाम का हम बस नदियां बहा रहे थे,
बाकी समंदर से नाता हमारा तक़दीर था।।
©BINOदिनी
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