क्रॉप टॉप खुले बाल बिंदियाँ , अहा उसपे तिरछी तिरछ | हिंदी शायरी

"क्रॉप टॉप खुले बाल बिंदियाँ , अहा उसपे तिरछी तिरछी अँखियाँ , अहा कोई भी एक नजर देख चहक उठे मुस्कान जैसे सुबह की कलियाँ , अहा ख्वाबों ख्यालों से कमरे तक वही - वही कटे कैसे उसके बिन अब रतियाँ , अहा उसके आते हि मौसम हँसने लगे जीने लगे यार वो लड़की एक जादू की पूड़ियाँ , अहा यूँ आँखों हि आँखों में बात कहना समझना कितना अप्रीतम है उससे ऐसे बतियाँ , अहा ये गुलाब खत क्या है ? प्रेम में पहनाऊँ उसको अपने नाम मंगलसूत्र बिछिया नथियाँ , अहा ना जीत पाओगे ना हार पाओगे कुणाल देखो प्रेम क्रीड़ा में उसके संग संग सब सखियाँ , अहा ©Author kunal"

 क्रॉप टॉप खुले बाल बिंदियाँ , अहा 
उसपे तिरछी तिरछी अँखियाँ , अहा 

कोई भी एक नजर देख चहक उठे
मुस्कान जैसे सुबह की कलियाँ , अहा

ख्वाबों ख्यालों से कमरे तक वही -  वही
कटे कैसे उसके बिन अब रतियाँ , अहा

उसके आते हि मौसम हँसने लगे जीने लगे
यार वो लड़की एक जादू की पूड़ियाँ , अहा

यूँ आँखों हि आँखों में बात कहना समझना
कितना अप्रीतम है उससे ऐसे बतियाँ , अहा

ये गुलाब खत क्या है ? प्रेम में पहनाऊँ उसको
अपने नाम मंगलसूत्र बिछिया नथियाँ , अहा

ना जीत पाओगे ना हार पाओगे कुणाल देखो
प्रेम क्रीड़ा में उसके संग संग सब सखियाँ , अहा

©Author kunal

क्रॉप टॉप खुले बाल बिंदियाँ , अहा उसपे तिरछी तिरछी अँखियाँ , अहा कोई भी एक नजर देख चहक उठे मुस्कान जैसे सुबह की कलियाँ , अहा ख्वाबों ख्यालों से कमरे तक वही - वही कटे कैसे उसके बिन अब रतियाँ , अहा उसके आते हि मौसम हँसने लगे जीने लगे यार वो लड़की एक जादू की पूड़ियाँ , अहा यूँ आँखों हि आँखों में बात कहना समझना कितना अप्रीतम है उससे ऐसे बतियाँ , अहा ये गुलाब खत क्या है ? प्रेम में पहनाऊँ उसको अपने नाम मंगलसूत्र बिछिया नथियाँ , अहा ना जीत पाओगे ना हार पाओगे कुणाल देखो प्रेम क्रीड़ा में उसके संग संग सब सखियाँ , अहा ©Author kunal

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