अपने होठों पर सजाना चाहता हूं,
आ तुझे मैं गुनगुनाना चाहता हूं....
कोई आंसू तेरे दामन पर गिराकर
बूंद को मोती बनाना चाहता हूं..
थक गया याद करते करते मैं तुझे..
अब तुझे मैं याद आना चाहता हूं..
छा रहा है सारी बस्ती में अंधेरा ..
रोशनी को अब घर जलाना चाहता हूं
#nojoto_poems