अपने होठों पर सजाना चाहता हूं,
आ तुझे मैं गुनगुनाना चाहता हूं....
कोई आंसू तेरे दामन पर गिराकर
बूंद को मोती बनाना चाहता हूं..
थक गया याद करते करते मैं तुझे..
अब तुझे मैं याद आना चाहता हूं..
छा रहा है सारी बस्ती में अंधेरा ..
रोशनी को अब घर जलाना चाहता हूं
Guru Purnima पत्थर को मूरत बनाएं, अंधकार को हटाकर ज्ञान का दीप जलाए,
खुद जलकर दूसरों की जिंदगी रोशन बनाएं,
ऐसे ही संत सच्चे गुरु कहलाये.......
# Happy Guru purnima👳🔮..
मोहब्बत बैठी राहों में इसे
एक मंजिल मिल जाए ..
जो तू हां कर दे तो पतझड़ में भी चमन खिल जाए.. मोहब्बत पागलपन है तो आ कर ले पागलपन ..
थोड़ी देर के लिए ही सही समझदारी दिल से निकल जाए
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