बरसके हलका हो जायेगा इतना सहज है बादल
हम अनचाहा बोझ लेके मंडरा रहे है
टकरानेवाले बादलोकी आस लिये
चलो मिल जाए किसी हमसाये बादलसे
थोडा टकराना होगा
थोडा अंजान होके अपनाना होगा
फिर बरसना होगा साथ, एक बरसात बिनबादल
बरसके हलका हो जायेगा इतना सहज है बादल
उमड आती है सब दिल की
कुछ सुख की कुछ दुख की
संचित का ही संचय है यादे खट्टी मिठी
दिल भर गया तो बस खाली करना है बाकी
हवाए आतीजाती रहेंगी अनुरागसे झुलना
बादलोसा होगा दिल बैराग समझ बरसना
फिर श्वेत छबीसे हर अनुभव ले संभल
बरसके हलका हो जायेगा इतना सहज है बादल
©rayansh
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