आगाज़ तो कर अंजाम भी आएगा, अंधेरो में बस तेरा ही चर
"आगाज़ तो कर अंजाम भी आएगा,
अंधेरो में बस तेरा ही चराग जगमगाएगा ।
यूं तो समंदर में भी प्यासे मर जाते हैं लोग,
शुरूआत तो कर ज़माने को तेरा इश्तियार जाएगा ।"
आगाज़ तो कर अंजाम भी आएगा,
अंधेरो में बस तेरा ही चराग जगमगाएगा ।
यूं तो समंदर में भी प्यासे मर जाते हैं लोग,
शुरूआत तो कर ज़माने को तेरा इश्तियार जाएगा ।