White कुछ बात पुरानी लिखनी थी मुझे एक कहानी लिखनी थी
यूं ही अच्छा बनने में जो बीत गईं मुझे वो एक जवानी लिखनी थी
ज्यादा खोया कम ही पाया वो यादें धुंधली धुंधली सी बाकी हैं
बेकार जो ऐसे ही बीत गईं वो एक जवानी बाकी हैं
सबका सोचा सबका जाना मन की अपने ना किया कभी
फिर भी लांक्षन ही मिला उसे वो भले रहा कितना भी सही
वो समय गया वो दिन गुजरे पर आज तलक वो अकेला है
जीवन का बसंत हैं बीत गया पर अब भी एकांत का मेला हैं
सब दोस्त यार भी हंसते हैं देते ताना हर बार उसे
चाहें भीड़ में हो या मेले में मिलती अक्सर दुत्कार उसे
अब तो खुद पर पछताता हैं पर कुछ भी कर ना पाता है
हसता दिखता हैं बाहर से अंदर से घुटता जाता हैं
फिर भी दुनियां में जी हैं रहा आंसू घुट घुट कर पी है रहा
जीवन की जंग से हारा है वो लड़का एक बेचारा हैं
©Ankur tiwari
#Moon कुछ बात पुरानी लिखनी थी मुझे एक कहानी लिखनी थी
यूं ही अच्छा बनने में जो बीत गईं मुझे वो एक जवानी लिखनी थी
ज्यादा खोया कम ही पाया वो यादें धुंधली धुंधली सी बाकी हैं
बेकार जो ऐसे ही बीत गईं वो एक जवानी बाकी हैं
सबका सोचा सबका जाना मन की अपने ना किया कभी
फिर भी लांक्षन ही मिला उसे वो भले रहा कितना भी सही
वो समय गया वो दिन गुजरे पर आज तलक वो अकेला है
जीवन का बसंत हैं बीत गया पर अब भी एकांत का मेला हैं