पहला एहसास... मुलाकात छोटी थी, मगर लाज़वाब थी मेरे | हिंदी Love

"पहला एहसास... मुलाकात छोटी थी, मगर लाज़वाब थी मेरे आने की ख़ुशी झलक रही थी तुम्हारी आँखों में दोनो के दिल धड़क रहे थे जोरो से उस वक्त मेरे सामने चलता फिरता गुलाब था बस देखता रहा तुमको क्या कहूँ क्या न कहूँ तुम्से तभी तुमने मेरे शर्ट का कालर पकड़ा और मुझे अपने करीब किया और अपने होंठों को मेरे होंठों से छू लिया और तुमने कहा कि यही तुम्हारा Good Bye गिफ्ट है... ये एहसास आज भी मेरे अन्दर करंट की तरह दौड़ता है और चेहरे पर मुस्कान बिखेर जाता है... ©Rose Rehan"

 पहला एहसास...
मुलाकात छोटी थी, मगर लाज़वाब थी
मेरे आने की ख़ुशी झलक रही थी तुम्हारी आँखों में
दोनो के दिल धड़क रहे थे जोरो से
उस वक्त मेरे सामने चलता फिरता गुलाब था
बस देखता रहा तुमको
क्या कहूँ क्या न कहूँ तुम्से
तभी तुमने मेरे शर्ट का कालर पकड़ा
और मुझे अपने करीब किया
और अपने होंठों को मेरे होंठों से छू लिया
और तुमने कहा कि यही तुम्हारा Good Bye गिफ्ट है...

ये एहसास आज भी मेरे अन्दर करंट की तरह दौड़ता है
और चेहरे पर मुस्कान बिखेर जाता है...

©Rose Rehan

पहला एहसास... मुलाकात छोटी थी, मगर लाज़वाब थी मेरे आने की ख़ुशी झलक रही थी तुम्हारी आँखों में दोनो के दिल धड़क रहे थे जोरो से उस वक्त मेरे सामने चलता फिरता गुलाब था बस देखता रहा तुमको क्या कहूँ क्या न कहूँ तुम्से तभी तुमने मेरे शर्ट का कालर पकड़ा और मुझे अपने करीब किया और अपने होंठों को मेरे होंठों से छू लिया और तुमने कहा कि यही तुम्हारा Good Bye गिफ्ट है... ये एहसास आज भी मेरे अन्दर करंट की तरह दौड़ता है और चेहरे पर मुस्कान बिखेर जाता है... ©Rose Rehan

पहला एहसास...

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