तुम्हारे दिल में है अहंकार बहुत हुआ
हृदय से अब तो करलो प्यार बहुत हुआ
रंगी है खून से तलवार बहुत हुआ
तुम्हारी हो चुकी है हार बहुत हुआ
जिगर का खून पिलाया जिया दी चहरे को
उन्ही पे करते हो अत्याचार बहुत हुआ
तुम्हारे आशियाने को सजाया फूलो से
उन्ही को कर दिया पामाल बहुत हुआ
चमन उसी ने उजाड़ा उसी ने खाक किया
करें अब किसपे ऐतबार बहुत हुआ
writter✍️-saif raza khan.s
Mohd Aszad CA Faisal Khan _Siya392 L i k h a r i.... Danish Khan suFI akhter official