बाहर हों रहीं हैं बारिश अंदर भीग रहें हम उफ्फ! तेर | हिंदी शायरी

"बाहर हों रहीं हैं बारिश अंदर भीग रहें हम उफ्फ! तेरी यादें भी न जानें कब होंगी कम....!!! ©Anirudh Tyagi"

 बाहर हों रहीं हैं बारिश अंदर भीग रहें हम
उफ्फ! तेरी यादें भी न जानें कब होंगी कम....!!!

©Anirudh Tyagi

बाहर हों रहीं हैं बारिश अंदर भीग रहें हम उफ्फ! तेरी यादें भी न जानें कब होंगी कम....!!! ©Anirudh Tyagi

बाहर हों रहीं हैं बारिश अंदर भीग रहें हम
उफ्फ! तेरी यादें भी न जानें कब होंगी कम....!!!

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