मैं अजड़ अजान अबोध पथ राही, तुम केवल सत्य की स्याही। मैं हूँ विचल व्यर्थ अज्ञानी, तुम गंगा का निर्मल पानी। व्यर्थ अनर्थ विचल है सब कुछ, बिन तेरे निर-अर्थ है सब कुछ। ©kahanikar bhag 1 Quotes, Shayari, Story, Poem, Jokes, Memes On Nojoto