कौन नहीं चाहता इस नीले गगन को छू लेना। दिल की ख्व | हिंदी कविता

"कौन नहीं चाहता इस नीले गगन को छू लेना। दिल की ख्वाहिश है ये नीला गगन। हर कोई चाहता है एकांत में इस खुले गगन को पढ़ लेना। इस खुले गगन में लिख लेना अपनी जिंदगी की हर कहानी को । इन घने बादलों में छुप जाना चाहता है हर इंसान। हर कोई चाहता है इस खुले गगन में पंख फैला के उड़ना। क्यों ना हम धरती से दूर नीले गगन के एक कोने पर अपना आशियाना बना ले। धरती से बहुत देख लिया ये आसमान ,चलो अब आसमान में रहकर धरती के नजारों को देख ले । ये सुंदर सी नदियों की लहरों को ,छोटे-छोटे झरनों और तालाबों को। चलो तो, देखें जरा कैसे दिखते हैं हमारे हरे भरे बुग्याल हमारी ऊंची- ऊंची चोटियां।। ©Negi Girl Kammu"

 कौन नहीं चाहता इस नीले गगन को छू लेना।
 दिल की ख्वाहिश है ये नीला गगन।

हर कोई चाहता है  एकांत में इस खुले गगन को पढ़ लेना।
 इस खुले गगन में लिख लेना अपनी जिंदगी की हर कहानी को ।

इन घने  बादलों में छुप जाना चाहता है हर इंसान।
  हर कोई चाहता है इस खुले गगन में पंख फैला के उड़ना।

क्यों ना हम धरती से दूर नीले गगन के एक कोने पर अपना आशियाना बना ले।
धरती से बहुत देख लिया ये आसमान ,चलो अब आसमान में रहकर धरती के नजारों को देख ले ।

ये सुंदर सी नदियों की लहरों को ,छोटे-छोटे झरनों और तालाबों को।

 चलो तो, देखें जरा कैसे दिखते हैं हमारे हरे भरे बुग्याल हमारी ऊंची- ऊंची चोटियां।।

©Negi Girl Kammu

कौन नहीं चाहता इस नीले गगन को छू लेना। दिल की ख्वाहिश है ये नीला गगन। हर कोई चाहता है एकांत में इस खुले गगन को पढ़ लेना। इस खुले गगन में लिख लेना अपनी जिंदगी की हर कहानी को । इन घने बादलों में छुप जाना चाहता है हर इंसान। हर कोई चाहता है इस खुले गगन में पंख फैला के उड़ना। क्यों ना हम धरती से दूर नीले गगन के एक कोने पर अपना आशियाना बना ले। धरती से बहुत देख लिया ये आसमान ,चलो अब आसमान में रहकर धरती के नजारों को देख ले । ये सुंदर सी नदियों की लहरों को ,छोटे-छोटे झरनों और तालाबों को। चलो तो, देखें जरा कैसे दिखते हैं हमारे हरे भरे बुग्याल हमारी ऊंची- ऊंची चोटियां।। ©Negi Girl Kammu

खुला आसमान

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